Umrav Jan Sikar
Thursday 22 January 2015
Dil ke sagar me lehren uthaya na kro.khwab bankar nind churaya na kro.
दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो, ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो, बहुत चोट लगती है मेरे दिल को, तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो….
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