मेरा स्वर्ग
साधु-संत वैरागी होकर,
युक्ति करे आत्म-कल्याण की।
जिन्हे चाहत होती है स्वर्ग की,
वे माला जपे भगवान की।
मेरे साँसों की आवाज...
उच्चारे आपका नाम,
मेरे मन-मन्दिर में भी आप है।
मुझे चाहत नहीं उस स्वर्ग की
मेरा स्वर्ग तो बस आप है !!
-- Umrav Jan Sikar
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