" एक अफवाह से तबाह "
वो किसी को बीच सफर में छोड़ कर
जा रहे है दिलों का बन्धन तोड़ कर
चले है किसी की राह को विपरीत मोड़ कर।
टूट रहा है कोई, इस बात का उन्हे गम नहीं
झर रहे है आँसू किसी के, पर उनकी आँखें नम नहीं
बिखर रहे है सपने, पर उनके सपनों में अब हम नहीं।
छोटी-छोटी बातों पर अक्सर झगड़ने लगे
वाणी में नफरत का जहर उगलने लगे
कड़वाहट से रिश्तों के धागे चटकने लगे।
उनके चेहरे पर कठोरता उभर गई
धीरे-धीरे बातों में शालीनता मर गई
सौम्यता की प्रतिमूर्ति प्रचण्डता में बदल गई ।
एक अफवाह ने कैसा कमाल किया
पूरी हकीकत पर ही पर्दा डाल दिया
किसी को निहाल, तो किसी को बेहाल किया।
-- Umrav Jan Sikar
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