"उसी बेवफा ने मेरे दिल का हाल पूछा है।"
मेरे मन में फिर आज, ये सवाल उलझा है।
कभी भूलकर किया न याद,
सुनी ना दिल की फरियाद ,
जिनसे हुए हम बरबाद,
उसी बेवफा को मेरा, ख्याल सुझा है।
लगे जो बदनामी के दाग,
सीने में दहलाई जिसने आग,
दिल जला सालों-साल,
मुश्किल से वो शोला, फिलहाल बुझा है।
थामकर रकीबों का हाथ,
धोखा किया मेरे साथ,
आज हुई जो मुलाकात,
उसी बेवफा ने मेरे, दिल का हाल पूछा है।
-- Umrav Jan Sikar
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